जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार,
मुँह का न फेरो आस न तोड़ो,
बेडा लगा दो मेरा पार पार ,
जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार
मैं भी तेरे दर की भिखारन करती हु हर दिन साई सिमरन,
तेरी बड़ी है सर्कार सर्कार,
जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार
एक कहे दूजे ने मानी,गुरु नानक कहे दोनों ग्यानी,
हमसर कहे ये बार बार बार,
जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार
सब के हाथ में फूल की माला,कितना भोला शिरडी वाला,
चाहु मैं औ हर बार बार
जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार
Jogan is standing at your door, Sai ji, Jogan is standing at your door,
Do not turn your face, do not lose hope,
Put the raft across my cross,
Jogan is standing at your door, sai ji, Jogan is standing at your door.
I also beg for your rate every day Sai Simran,
Your government is big.
Jogan is standing at your door, sai ji, Jogan is standing at your door.
One said, the other agreed, Guru Nanak said both the Gyani,
Humsar say this again and again,
Jogan is standing at your door, sai ji, Jogan is standing at your door.
A garland of flowers in everyone’s hand, how naive Shirdi’s,
wish me every time
Jogan is standing at your door, sai ji, Jogan is standing at your door.