कभी फुर्सत हो कान्हा

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कभी फुर्सत हो कान्हा मेरे घर भी चले आना,
तेरा हु सदियों से मैं मेरे प्यारे दीवाना,
कभी फुर्सत हो कान्हा मेरे घर भी चले आना,

मुझे चैन नहीं आता मुझे नींद ना आती है,
पल पल छन छन कान्हा तेरी यादे आती है,
इस जग ने रुलाया मुझे मुझे तू न रुला जाना,
मिले फुर्सत तो कान्हा मेरे घर भी चले आना,

तेरी दया की बुँदे ते दिन रात बरसती है,
मेरी आंखे क्यों कान्हा दर्शन को तरसती है,
संग में अपने कान्हा राधा को भी लाना,
कभी फुर्सत हो कान्हा मेरे घर भी चले आना,

मीरा को तारा है सुदामा हो हारा है,
भगतो की नैया को तूने पार उतारा है,
मेरी बीच बवर नाइयाँ इसे पार लगा जाना ,
मिले फुर्सत तो कान्हा मेरे घर भी चले आना,

घर छोड़ दियां मैंने मैं हो गया वनवासी,
अब तो आना होगा तुम्हे घट घट के वासी,
तेरा पागल मैं कान्हा मुझे दर्श दिखा जाना,
कभी फुर्सत हो कान्हा

If you ever get time, Kanha come to my house too.
For centuries I am my dear lover,
If you ever get time, Kanha come to my house too.

I can’t rest, I can’t sleep
Your memory comes from moment to moment.
This world made me cry, don’t you make me cry
If you get time, Kanha come to my house too.

The drops of your mercy rain day and night,
Why do my eyes crave Kanha Darshan,
Bringing your Kanha Radha with you,
If you ever get time, Kanha come to my house too.

Meera is a star, Sudama is a loser,
You have crossed the boat of the gods,
My middle wind barbers to cross it,
If you get time, Kanha come to my house too.

I left the house, I became a forest dweller,
Now you have to come, you are a resident of less and less,
I am your mad Kanha, show me the vision,
Have fun sometime

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