कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा ।
कभी गिरते हुए को उठाया नहीं, बाद आंसू बहाने से क्या फ़ायदा ॥
मैं तो मंदिर गया, पूजा आरती की, पूजा करते हुए यह ख़याल आ गया ।
कभी माँ बाप की सेवा की ही नहीं, सिर्फ पूजा के करने से क्या फ़ायदा ॥
मैं तो सतसंग गया, गुरु वाणी सुनी, गुरु वाणी को सुन कर ख्याल आ गया ।
जनम मानव का ले के दया ना करी, फिर मानव कहलाने से क्या फ़ायदा ॥
मैंने दान किया मैंने जप तप किया दान करते हुए यह ख्याल आ गया ।
कभी भूखे को भोजन खिलाया नहीं दान लाखों का करने से क्या फ़ायदा ॥
गंगा नहाने हरिद्वार काशी गया, गंगा नहाते ही मन में ख्याल आ गया ।
तन को धोया मनर मन को धोया नहीं फिर गंगा नहाने से क्या फ़ायदा ॥
मैंने वेद पढ़े मैंने शास्त्र पढ़े, शास्त्र पढते हुए यह ख़याल आ गया ।
मैंने ज्ञान किसी को बांटा नहीं, फिर ग्यानी कहलाने से क्या फ़ायदा ॥
माँ पिता के ही चरणों में ही चारो धाम है, आजा आजा यही मुक्ति का धाम है ।
पिता माता की सेवा की ही नहीं फिर तीर्थों में जाने का क्या फ़ायदा ॥
Never gave water to the thirsty, what is the use of drinking nectar after that?
Never picked up the falling, what is the use of shedding tears after
I went to the temple, worshiped the aarti, while worshiping this thought came.
Never served the parents, what is the use of worshiping only?
I went to the Satsang, listened to the Guru’s voice, after listening to the Guru’s voice, thought came.
Don’t take pity on the human being born, then what is the use of being called a human?
I donated, I did chanting, penance, this thought came while donating.
Never fed food to the hungry, what is the use of donating lakhs?
To bathe in the Ganges, Haridwar went to Kashi, as soon as the Ganges took a bath, a thought came to my mind.
Washed the body, did not wash the mind, then what is the use of bathing in the Ganges?
I read the Vedas, I read the scriptures, this thought came while reading the scriptures.
I have not shared knowledge with anyone, then what is the use of being called Gyani?
There are four dhams at the feet of mother and father, this is the abode of liberation.
Not only did the service of father and mother, then what is the use of going to pilgrimages?