कहीं परहो श्यामसांवरा, कही कन्हैया बनके ,
कहीं पे हो मुरलीवाला, कहीं गिरवर धरके..
कितने कितने नाम तुम्हारें, कितने प्यारे धाम रेे
वृंदावन में आन बसे हो , राधेरानी संग में,
द्वारीका में आप प्रभूजी, चक्र सुदर्शन कर में-॥
गोकुल मथुरा आये सबके प्यारे कान्हा बनके…
माखन चोर है कहता कोई, गैय्या का रखवाल रे..
मोर मकुट बंसीधरगिरधर,राधेके गोपाल रे-॥
नैणो से जादु करता देखो छलिया चलके…
कलयुग में अवतार लिया श्रीरामदेव कुहाये हो,
खाटु में हारे के सहारे,जय श्रीश्याम गुंजायें हो-॥
श्रीनाथजी शीश झुकाऊ”राचि” चाकर बनके…
Somewhere there is Shyamsanwara, somewhere as Kanhaiya,
Wherever there is a murliwala, somewhere he holds a girvar..
How many names do you have, how many lovely places are you?
You have settled in Vrindavan, in the company of Radherani,
You Lord in Dwarka, in doing chakra Sudarshan-॥
Gokul came to Mathura as everyone’s beloved Kanha…
Makhan is a thief, someone says, Gaiya’s keeper Re..
Peacock Makut BansidharGirdhar, Radheke Gopal Ray-॥
Watch Naino doing magic by walking deceitfully…
Shri Ramdev incarnated in Kali Yuga.
With the help of the loser in Khatu, Jai Shree Shyam can resonate.
Shrinathji bowing his head as “Rachi” Chakar…