जय जय हे राधा रमण
जय जय नवल किशोर
जय गोपी चितचोर प्रभु
जय जय माखन चोर
कान्हा बजाये बाँसुरी यमुना रही है निहार
बोलो रे भाई जय श्री कृष्ण हरे
कृष्ण कृष्ण आजा रे कृष्ण
श्याम वरण नैन कमल रूप है प्यारा
शीट लहार ठंडी पवन यमुना की धारा
ऐसी छठा देखि नहीं हमने दोबारा
खोज खोज मेरा ये दिल अब तो है हारा
कान्हा बजाये बाँसुरी …………
यमुना तट पे कृष्ण रोज़ रास रचाये
गरबा करे गोपियों संग धूम मचाये
देख छठा वृक्ष कदम पुष्प चढ़ाये
लहार लहार पवन झूमे झूमती जाए
कान्हा बजाये बाँसुरी …………
मुरलीधर की मधुर मुरली मन को चुराए
मधुर मधुर मुस्कुराये मन को लुभाये
गिरिराज बनके खुद ही मधुर भोग लगाए
पल पल में प्रभु कई रूप दिखाए
कान्हा बजाये बाँसुरी …………
राधा कभी कृष्ण कभी कृष्ण है राधा
रूप रस रहस्य योग रास में साधा
अष्टमी का चाँद दोनों और है आधा
राधा कभी कृष्ण कभी कृष्ण है राधा
कान्हा बजाये बाँसुरी …………
आत्मा परमात्मा के मिलान का मधुभास है
यही महारास है यही महारास है
Jai Jai Hey Radha Raman
Jai Jai Naval Kishore
Jai Gopi Chitchor Prabhu
Jai Jai Makhan Chor
Yamuna is watching the flute playing Kanha
Bolo re brother Jai Shri Krishna Hare
Krishna Krishna Aaja Re Krishna
Shyam Varan Nain lotus form is cute
Sheet Lahar Cold Wind Yamuna Stream
We haven’t seen the sixth like this again
Search Search My heart is now lost
Kanha played the flute…………
Krishna composed Raas on the banks of Yamuna every day.
Garba and make a splash with the gopis
See the sixth tree step by step and offer flowers
lahar lahar wind swings and swings
Kanha played the flute…………
Murlidhar’s melodious murli steals the mind
sweet sweet smile
Become a Giriraj and enjoy yourself sweetly
In a moment the Lord showed many forms
Kanha played the flute…………
Radha is sometimes Krishna sometimes Krishna is Radha
Roop Rasa Rahasya Yoga Raas
Ashtami moon is both and half
Radha is sometimes Krishna sometimes Krishna is Radha
Kanha played the flute…………
The soul is the honeycomb of the union of the divine
This is Maharas This is Maharas