काली घटा और घनघोर सी बरसात में
कान्हा जन्म लिए भादों की आधी रात में,
काली घटा और घनघोर सी बरसात में
सो गे पेहरेधार सभी और खुल गए सारे ताले,
लीला देखो लीला धर की ऐसे मुरली वाले
वासुदेव निकल पड़े लेकर के अपने साथ में
कान्हा जन्म लिए भादों की आधी रात में,
काली घटा और घनघोर सी बरसात में
यमुना भी ला लाइय्त हो छूने को तप अपनाई
शेष नाग ने थन से अपनी प्रबु की शतर बनाई
तब सपर्श दिया गिरधर ने अपनी लात से
कैसे करे गणेश बखानी अपनी बात से
कान्हा जन्म लिए भादों की आधी रात में,
In the black cloud and heavy rain
Kanha was born in the midnight of Bhadon,
In the black cloud and heavy rain
So all the gay guards and all the locks opened,
Look at Leela Dhar’s such a murli
Vasudev set out with him
Kanha was born in the midnight of Bhadon,
In the black cloud and heavy rain
He adopted tenacity to touch the Yamuna too.
Shesha Nag made her lord’s head from the udder
Then Girdhar gave the touch with his kick.
How to do Ganesh Bakhani with your own words
Kanha was born in the midnight of Bhadon,