कन्हैया किसको कहेगा तू मैया ।
एक ने तुझको जनम दिया रे एक ने तुझको पाला ॥
मरने के डर से भेज दिया घर से देवकी ने गोकुल में,
बिना दिए जन्म यशोदा बनी माता तुझ को छिपाया आंचल में ।
एक ने तुझको जीवन दिया रे एक न जीवन संवारा…कन्हैया ॥
मानी मनताएँ और देवी देव पूजे पीर सही देवकी ने,
गोद मे खिलाने का दूध मे नहलाने का सुख पाया यशोदा जी ने ।
एक ने तुझको दी है रे आँखें,एक ने दिया उजाला… कन्हैया ।।
जनम दिया हो चाहे पाला हो किसी ने भेद ये ममता न जाने,
कोई भी हो जिसने दिया हो प्यार माँ का मन तो माँ उसी को माने ।
एक ने तुझको जीवन दिया रे एक न जीवन संवारा…कन्हैया ॥
Kanhaiya, whom will you tell me?
One gave birth to you, one raised you.
Due to fear of dying, Devaki sent from home to Gokul,
Yashoda became mother without giving birth, hid you in the lap.
One has given you life, one has not saved your life…Kanhaiya
Believed and worshiped the deity, pir right Devaki,
Yashoda ji found the pleasure of bathing in milk, of feeding on her lap.
One has given you eyes, one has given light… Kanhaiya.
Whether you have given birth or raised, no one knows the difference, this love
Whoever has given love to the mother’s heart, then the mother should obey her.
One has given you life, one has not saved your life…Kanhaiya