मैंने कुटिया आज सजाई आजा आजा कृष्ण कन्हाई,
तेरे दर्शन की प्यास जगे कन्हियाँ आजा घडी दो घड़ी,
मैंने कुटिया आज सजाई आजा आजा कृष्ण कन्हाई,
भाग जो कर तू आये तेरी धूलि मिल जाये बंद किस्मत खुल जाये सांवरिया हो,
मेरी बिगड़ी बात बना दी मुझको इक झलक दिखला दी,
अँखियाँ रस्ते पर कब लगी,कन्हियाँ आजा घडी दो घड़ी,
मेरे दिलदार सांवरियां छोड़ के खाटू नगरियां,
ले ले टाबर की खबरियाँ ओ बाबा आ,
आजा रुखा सूखा खाने इस निर्धन का मान बढ़ाने,
थाली छप्पन भोग से सजी,कन्हियाँ आजा घडी दो घड़ी,
घर जो इक वारी आये ये गाबा जा न पाए,
प्रेम बंधन बन जाये सांवरिया आ,
सुन ले भरोसा तोड़ न देना रूभी रिधम को छोड़ न देना,
बहती असुवन की ये झड़ी कन्हियाँ आजा घडी दो घड़ी,
I decorated the hut today, aaja aaja krishna kanhai,
Awaken the thirst of your darshan,
I decorated the hut today, aaja aaja krishna kanhai,
Whatever part you come, may you get your dust, may your luck be open, be Saawariya,
Made my bad talk, showed me a glimpse,
When did the eyes fall on the road,
Leaving my heartfelt sanvaris, Khatu cities,
Take the news of Tabor O Baba come,
To increase the value of this poor by eating dry dry food,
The plate is adorned with food,
The house that came once, this Gabba could not go,
Let love become a bond, Saawariya ,
Listen, don’t break your trust, don’t leave Ruby Ridham,
This whirlwind of flowing tears,