करो नजरे कर्म हे साई तेरे दर पे दीवाना आया है

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करो नजरे कर्म हे साई तेरे दर पे दीवाना आया है,
दर दर से ठोकर खा के तेरे दर पे ठिकाना पाया है,
करो नजरे कर्म हे साई तेरे दर पे दीवाना आया है,

मारा है तकदीर ने ऐसा मुझको कही का छोड़ा न ,
छोड़ के मुझको दौड़े सारे साथ मेरे कोई दौड़ा न ,
अँधेरे में साथ न देता मेरा खुदा का साया है,
करो नजरे कर्म हे साई तेरे दर पे दीवाना आया है,

सच्चा नहीं कोई साथी जग में कर्ज मंग है मतलब के,
अपना बना कर गावह लगा ते शातिर है ये बड़े गजब के,
अभी तकता सा लगता है जो जख्म पुराना खाया है,
करो नजरे कर्म हे साई तेरे दर पे दीवाना आया है,

क्या कहु मैं अपनों की ये वक़्त पे रंग दिखाते है,
वक़्त पड़े जो किसी के ऊपर वक़्त पे काम ना आते है,
दस्तूर निराला दुनिया का मेरे मन को जरा न भाया है,
करो नजरे कर्म हे साई तेरे दर पे दीवाना आया है,

Do nazre karma, hey Sai has come crazy at your door,
Stumbling from rate to rate, I have found a place at your rate,
Do nazre karma, hey Sai has come crazy at your door,

I have struck, fate has not left me like this,
Leaving me running, no one ran with me,
My God’s shadow does not support me in the dark,
Do nazre karma, hey Sai has come crazy at your door,

Not a true friend is in debt in the world that means,
By making your own village, you are clever, it is very wonderful,
It still feels like the old wound has eaten,
Do nazre karma, hey Sai has come crazy at your door,

What can I say, I show the colors of my loved ones at this time,
There are times which do not work on anyone on time,
My heart has not liked the custom of the strange world,
Do nazre karma, hey Sai has come crazy at your door,

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