के दर्शन देदो जी घनश्याम,.
तेरे चरण पखारू तेरी पूजा करू,
मुझे मुरली सुनाओ तेरी सेवा करो,
चाकर रखो जी घनश्याम के दर्शन देदो जी श्याम,
राधा के संग गोपियाँ नाचे जब तू बंसी बजाये,
तेरे पीछे पीछे भागे माखन जब तू चुराए,
कर के लाख यत्न तुझको पाना चाहे,
तेरी बंसी की धुन में वस् चाहना चाहे,
शरण में राखो जी घनश्याम की दर्शन देदो जी श्याम,
बंद हो चाहे खुली हो अखियां तेरा ही दर्शन चाहे,
तरसी तेरे दर्शन को ही थकी है तेरी रहे,
वो कान्हा बस तेरी एक झलक चाहे,
पल भर में जीवन भर की खुशियाँ मिल जावे,
बसों मेरे नैनं में घनश्याम के दर्शन देदो जी घनश्याम….
हे मोहन गिरधारी गोविंदा नन्दलाल,
हे मोर मुक्त धारी गोविंदा नन्द लाल,
Dedo ji Ghanshyam, the darshan of.
Worship you at your feet.
Hear me the murli, serve you,
Keep it up, give Ghanshyam’s darshan, Ji Shyam,
When the gopis dance with Radha when you play the flute,
Run after you when you stole the butter,
Wants to get you by doing a million efforts,
Wanting to be in the tune of your bansi,
Give darshan of Rakho ji Ghanshyam in refuge, ji Shyam,
Whether it is closed or open, only your eyes want to see them,
You are tired of your darshan, be yours,
That Kanha just wants a glimpse of you,
May you get the happiness of a lifetime in a moment,
Just give me Ghanshyam’s darshan in my nain ji Ghanshyam….
Hey Mohan Girdhari Govinda Nandlal,
O peacock free dhari Govinda Nand Lal,