खाटू वाले श्याम ये कैसी माया है,
या लीला धरी ने खेल रचाया है,
पुत्र हो या पौत्र भीम के श्याम धनि,
भाव के आगे शाश्त्र समज न आया है,
मेरा तो दिलदार यार है ये खाटू वाला,
कहो मोर विनन्दन है एहलवती का लाला
प्यार के छिलके है जितना छील लिए,
भेद इस में कुछ भी नजर न आया है,
खाटू वाले श्याम ये कैसी माया है,
श्याम दीवानो भगतो को यु न भरमाओ,
खुद के नाम के लिए श्याम का नाम न लाओ,
वशुदेव नन्द लाल में जब फर्क नहीं फर्क अपने फिर क्यों बताया है,
खाटू वाले श्याम ये कैसी माया है,
भाव के पत्थर ही रामणिक है कहलाते,
बिना भाव के पत्थर भाव से है पूजे जाते,
क्या मिले गा भावना से खेल के,
मनु श्याम ये एक समज में आया है,
खाटू वाले श्याम ये कैसी माया है,
Khatu Wale Shyam, what kind of illusion is this?
Or Leela Dhari has created the game,
Be it son or grandson of Bhima, Shyam Dhani,
Shastra has not been understood in front of Bhava,
My dear friend is this Khatu Wala,
Kaho Mor Vinandan Hai Ehlvati Ka Lala
Love has peels as much as it is peeled,
There is no difference in this,
Khatu Wale Shyam, what kind of illusion is this?
Don’t mislead the shyam lovers.
Don’t bring Shyam’s name for your own name,
When there is no difference between Vasudev Nand Lal, why have you told the difference again?
Khatu Wale Shyam, what kind of illusion is this?
Only the stones of emotion are called Ramnik.
Stones are worshiped without emotion,
What did you get by playing with emotion,
Manu Shyam this has come to an understanding,
Khatu Wale Shyam, what kind of illusion is this?