किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला,
जानकी जैसी भगती बाबा वैसा ही रंग डाला साईं ने रंग डाला,
तेरे कितने रूप है देवा जिसने की जैसी तेरी सेवा,
कोई जल और फूल चड़ता कोई चडावे मिश्री मेवा,
किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला
कही विराजे तू सोने पर कही साईं बेठा पत्थर पर,
जाकी जैसी कुटिया बाबा वैसा ही पग डाला,
किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला
Somebody’s Ram Somebody’s Shyam Somebody’s Gopala,
Sai painted the same color as Janaki Bhagti Baba did.
How many forms do you have?
Some water and flowers grow some sugar candy nuts,
Somebody’s Ram Somebody’s Shyam Somebody’s Gopala
Somewhere you sit on the gold, somewhere Sai sat on the stone,
Just like the hut Baba put in the same footsteps,
Somebody’s Ram Somebody’s Shyam Somebody’s Gopala