किवे मुखड़े तो नज़र ह्टावा के तू ही मेनू रब दिसदा,
दिल करदा है के देखदी ही जावा के तू ही मेनू रब दिसदा,
तेरा हर पल शुकर मनावा के तू ही मेनू रब दिसदा,
मैं हां तेरे चरणा दी दासी,
जनम जन्म दी मैं हां प्यासी,
करो किरपा ते मैं भी तर जावा के तेरे विच रब दिसदा,
तू मेरा हॉवे मैं तेरी होवा,
तेरी मस्ती दे विच खोवा,
तेनु पलका दे अंदर छुपावा,
के तू ही मेनू रब दिसदा….
अपने रंग विच रंगा सतगुरु,
नज़र मेहर दी रखना सतगुरु,
तेरे दर ते मैं झोली फेलाव,
के तू ही मेनू रब दिसदा…..
तू मेरा प्रीतम मैं तेरी दासी,
कटना जन्म जन्म दी फ़ासी,
तेरे चरना च शीश झूकावा,
के तू ही मेनू रब दिसदा
Kive Mukhade To Nazar Htawa Ke Tu Hi Menu Rab Disda,
Dil Karda Hai Ke Dekhdi Hi Java Ke Tu Hi Menu Rab Disda,
Tera Har Pal Shukar Manawa Ke Tu Hi Menu Rab Disda,
I am the servant of your feet,
Janam Janam Di Main Haan Pyaasi,
Karo Kirpa Te Main Bhi Tar Java Ke Tere Vich Rab Disda,
Tu Mera Hove Main Teri Hove,
Teri Masti De Vich Khowa,
Tenu palka de andar chupaawa,
Ke Tu Hi Menu Rab Disda.
Apne Rang Vich Ranga Satguru,
Nazar Mehar Di Rakhna Satguru,
Tere Dar Te Main Jholi Felav,
Ke Tu Hi Menu Rab Disda.
You are my beloved, I am your servant,
Katna Janm Janm Di Faasi,
Tere Charna Ch Sheesh Jhukava,
That you are the only one I see as God