जब से हुई श्याम बाबा की नजर जिंदगी अपनी गई है सवर,
जो भी माँगा मैंने श्याम से मुझको वो हर बार है मिला,
कोई कमी रही नहीं जब से खाटू दरबार में गया,
धन दिया मान दियां बड़ा समान दिया जग में मेरे बाबा श्याम ने,
जग में बड़ी औकात मेरी कर दी कदर बड़ा दी मेरे श्याम ने,
नहीं शब्दों में होता व्यान इतना एहसान है किया,
कोई कमी रही नहीं जब से खाटू दरबार में गया,
छूटे जमाना चाहे छूटे ठिकाना पर दर तेरा अब न छूटे,
जग रूठे मोहे चिंता नहीं पर श्याम मेरा न रूठे,
करू चाकरी जब तक बलता रहे जीवन का दियां,
कोई कमी रही नहीं जब से खाटू दरबार में गया,
महिमा का ज्ञान करू तेरा गुण गान करू दुनिया में भजन सुनाऊ,
यहाँ पे जाओ मुख पे हो तेरा नाम तेरा ही भक्त कहाऊ,
तन मन को श्याम रंग में मैंने रंग लिया,
कोई कमी रही नहीं जब से खाटू दरबार में गया,
Ever since the sight of Shyam Baba, life has become my life,
Whatever I asked for, I got it from Shyam every time,
There was no shortage ever since Khatu went to the court,
My baba Shyam gave money, gave big things in the world,
My position in the world has been given to me by my Shyam,
No words would have done so much favor,
There was no shortage ever since Khatu went to the court,
Whether you want to leave your place, your rate should not be missed now,
The world is not worried, but Shyam is not angry with me,
As long as Karu Chakri keeps on shining the lamp of life,
There was no shortage ever since Khatu went to the court,
Know your glory, sing your praises, recite hymns in the world,
Go here, where is your name on your face?
I painted my body and mind in dark colour,
There was no shortage ever since Khatu went to the court,