कोई तो मेरे घनश्याम से कहदे
अरे वो मथुरा ना जाए, वो वापस लौट के आए
रो रो कहती बृज की नारी, ना जाओ बनवारी
तुम बिन हमरी कौन सुनेगा, सावरिया गिरिधारी
कोई तो मेरे घनश्याम से कहदे…
तुम तो हमको छोड़ चले हो, बोलो हम कहाँ जाएं
दर्शन की यह प्यासी अँखियाँ रो रो नीर बहाए
कोई तो मेरे घनश्याम से कहदे…
यह जीना भी क्या जीना है, तुम बिन मेरे मोहन
सूना सूना मधुबन लागे, सूना हो गया जीवन,
कोई तो मेरे घनश्याम से कहदे…
तुम्हे तो आदत हो गयी है, हमको तड़पाने की
हमे भी आदत हो गयी है, हस कर सह जाने की
कोई तो मेरे घनश्याम से कहदे…
मनमोहन चित्त सांवरे प्रेम नगर के राजा
बांकी अदा से हस कर पकड़ो, पकड़ो हाथ हमारा
कोई तो मेरे घनश्याम से कहदे…
जब से श्याम तुम दूर गए हो, भूल गया जग सारा
मैं तो तुम को भाऊ ना भाऊ, तू तो भा गया मुझको
कोई तो मेरे घनश्याम से कहदे…स्वरअलका गोएल
someone tell me ghanshyam
Hey don’t go to Mathura, he came back
Brij’s woman says weeping, don’t go Banwari
Who will listen to Tum Bin Hamari, Savaria Giridhari
Somebody tell me Ghanshyam…
You have left us, tell me where should we go
May these thirsty eyes of vision shed tears
Somebody tell me Ghanshyam…
Even to live what is to live, without you my Mohan
Lost Madhuban Lage, Life became deserted,
Somebody tell me Ghanshyam…
You have become used to torment us
We have also got used to laughing and suffering.
Somebody tell me Ghanshyam…
Manmohan Chit Saaware the king of Prem Nagar
Laugh with the rest of the way, hold our hand
Somebody tell me Ghanshyam…
Ever since Shyam you have gone away, the whole world has forgotten
I don’t like you, you love me
Somebody can say to my Ghanshyam…Swar Alka Goel