कृष्ण काला मैया री तेरा मुरली वाला
एह री माखन दही वो मेरा चुराता राहा
खड़ा दूर से अंगूठा मुझे दिखाता रहा,
कृष्ण काला मैया री तेरा मुरली वाला
मोर मुकट पिताम्भर वाला गाना गौ चरावे था,
मेरी बहियाँ मरोड़ फोड़ मेरी मटकी यमना बीच गिरावेगा
ऐ री आँखे दिखा कर मुझको डरता रहा,
खड़ा दूर से अंगूठा मुझे दिखाता रहा,
एह री हम गुजर तमे हीर यशोदा खूब तबाही हो जाए गई
अपने कान्हा ने समजा ले न काल लड़ाई हो जाए गी
मैं रोटी रही वो मुस्कुराता रहा
खड़ा दूर से अंगूठा मुझे दिखाता रहा,
तेरी आगा घेर खड़ा हो जा मने बहुत घना समजाया जी,
हाथ जोड़ के बहुत कही पर कान्हा बाज ना आया जी
ऐ री यमुना में झझरी मेरी गिराता रहा
खड़ा दूर से अंगूठा मुझे दिखाता रहा,
ऐ री नन्द नंदन नन्द लाल कन्हियाँ बंसी बा भजावे गा
संजे मुकेश को रतन बार की कान्हा की कथा सुनावे था
एह री मुरली की तान हमे सुनाता रहा,
खड़ा दूर से अंगूठा मुझे दिखाता रहा,
Krishna Kala Maiya Ri Tera Murli Wala
eh ri makhan curd he steals mine
The thumb kept showing me from afar,
Krishna Kala Maiya Ri Tera Murli Wala
The song of Mor Mukat Pitambhar was Gau Charave,
My daughters will be twisted and my pot will fall in the middle of Yamana
Showing my eyes, I was afraid of you,
The thumb kept showing me from afar,
Eh ri hum gujar tame heer yashoda a lot of devastation happened
Have your Kanha understand or there will be a fight
I was bread, he kept smiling
The thumb kept showing me from afar,
Stand around your front, I understood very densely,
Many places with folded hands, but Kanha did not fail.
Ai ri yamuna my jhajri kept falling
The thumb kept showing me from afar,
Ai ri nand nand lal kanhiyan bansi ba bhajawe ga
Sanje Mukesh had to narrate the story of Kanha of Ratan Bar.
He kept on narrating the tone of Eh Ri Murli to us,
The thumb kept showing me from afar,