लेके मन की ये मुरादें इक बार जाना है
हमने मरघट वाले बाबा के दरबार जाना है
पवन पुत्र वो केसरी नंदन अंजनी के दुलारे
भक्तों के सब संकट हरते संकट मोचन न्यारे
खुले खुल्ले दर्शनों का दीदार पाना है
हमने मरघट वाले बाबा के दरबार जाना है
चालीस दिन का चलिया भक्तों जो भी कोई करता
बिगड़ा हुआ नसीबा उसका पल भर में संवरता
लेके लाल सिन्दूर संग हार चढ़ाना है
हमने मरघट वाले बाबा के दरबार जाना है
सेठी की भूलों को बाबा ध्यान में ना ही धरना
अष्ट सिद्धि नव निधियां देकर मेरी झोली भरना
अब तो लेके ये मुरादें हर बार जाना है
हमने मरघट वाले बाबा के दरबार जाना है
But these desires of the mind have to go once
We have to go to the court of Marghat Wale Baba.
Pawan’s son, Kesari Nandan, Anjani’s darling
Sankat Mochan Nyare removes all the troubles of the devotees
To have the sight of open views
We have to go to the court of Marghat Wale Baba.
Whoever does forty days of Chaliya devotees
His bad luck blossomed in a moment
but with red vermilion to garland
We have to go to the court of Marghat Wale Baba.
Baba did not take care of Sethi’s mistakes
Filling my bag by giving Ashta Siddhi Nav funds
Now take these wishes every time
We have to go to the court of Marghat Wale Baba.