शंख वजाये शीश झुकाये लो फिर आई है गुरु पूजा,
साई शरण में झुकते जाये लो फिर आई है गुरु पूजा,
कोई ना अपना सब बेगाने,
सब को देखा सब को परखा,
बड़ी मुश्किल से हम समजे है जग है अगनि साई है बरखा,
ख्वाब सबको ये समजाये लो फिर आई है गुरु पूजा,
शंख वजाये शीश झुकाये लो फिर आई है गुरु पूजा,
साई सहारे हम को मिला है,
हर सुख मन का हर सुख तन का,
खुलते जाये बंद दरवाजे हल पाया है हर उल्जन का,
दूर हुई है हर चिंताये लो फिर आई है गुरु पूजा,
शंख वजाये शीश झुकाये लो फिर आई है गुरु पूजा,
Instead of conch, bow your head, then has come Guru Puja,
Keep bowing in the refuge of Sai, then has come Guru Puja,
Somebody beg your all,
saw all, tested all,
With great difficulty we have understood that the world is Agni, Sai is Barkha,
Let everyone understand this dream, then has come Guru Puja,
Instead of conch, bow your head, then has come Guru Puja,
We have got the support of Sai,
Every happiness of the mind, every happiness of the body,
Open the closed doors, the solution is found for every confusion,
Take away every worry, then has come Guru Puja,
Instead of conch, bow your head, then has come Guru Puja,