लूट लिया चैन मेरा सावरिया
सुन मुरली की धुन पड़ी बावरिया
मुश्किल है मेरा पनघट पे जाना,
सामने बैठा वो कान्हा दीवाना,
मेरी मटकी पे मारे वो कंकरिया,
सुन मुरली…….
धूम मचा कर छुप जाता है,
माखन चुरा कर मुकर जाता है,
ऐसा नटखट है ब्रिज का वो सावरिया,
सुन मुरली……
मुरली की धुन ने मन मेरा लूटा,
लाज शर्म के नाता छूटा,
ऐसी बैरन है कान्हा की बाँसुरिया,
सुन मुरली……
लड़े सास और लड़े नन्दिया,
कान्हा मारे बैरन सखिया,
आयी सपनो में सुखना की सावरिया,
सुन मुरली……
Looted Chain Mera Saawariya
Bavaria listened to the melody of the murli
It is difficult for me to go on the mountain,
That Kanha crazy sitting in front,
Kill that Kankariya on my pot,
Hear Murli……
hides by making a splash,
steals the butter and turns away,
Such a naughty is that Saawariya of the bridge,
Hear Murli……
The melody of the murli robbed my mind,
Shame left out of shame,
Such is the baron Kanha’s flute,
Hear Murli……
Fighting mother-in-law and Nandiya fought,
Kanha Mare Baron Sakhia,
Sukhna’s daughter-in-law came in her dreams,
Hear Murli……