माटी के पुतले सीता राम सीता राम बोल रे

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माटी के पुतले सीता राम सीता राम बोल रे
सीता राम सीता राम बोल रे
माटी के पुतले सीता राम सीता राम बोल रे

जरा ध्यान से सोच ले मनवा माटी का तेरा तन
बड़े भाग से दिया प्रभु ने मानव रोगी जीवन
मन वाणी से कभी किसी को कटुब वचन मत बोल रे
माटी के पुतले सीता राम सीता राम बोल रे

जो कुछ तुझको पड़े दिखाई सब है झूठा सपना
बेटा बेटी रिश्ते नाते कोई नही है अपना
इस माया नगरी में बंदे ज्ञान पिटारी खोल रे
माटी के पुतले सीता राम सीता राम बोल रे

माया के पीछे मत भागो माया नही तुम्हारी
माया रहे सदा ही जूठी सचा माया धारी,
उस माया धारी से मिलता सचा सुख अनमोल रे,
माटी के पुतले सीता राम सीता राम बोल रे

इक दिन पिंजरा छोड़ के खाली उड़ जायेगा तोता,
पेहले राम नाम को प्यारे रेह न जाए सोता
हरी शरण तू ने ही लगा ले इधर उधर मत डोल रे
माटी के पुतले सीता राम सीता राम बोल रे

effigies of soil Sita Ram Sita Ram Bol Re
Sita Ram Sita Ram Bol Re
effigies of soil Sita Ram Sita Ram Bol Re

Just think carefully about your body of Manwa soil
Lord gave human patient life from a large part
Never speak bitter words to anyone with your mind
effigies of soil Sita Ram Sita Ram Bol Re

Everything you see is a false dream
There is no one in relation to son daughter relationship
Open the box of knowledge in this city of Maya
effigies of soil Sita Ram Sita Ram Bol Re

Don’t run after Maya, Maya is not yours
Maya always remains the true illusionist,
The true happiness you get from that Maya stripe is priceless,
effigies of soil Sita Ram Sita Ram Bol Re

One day the parrot will leave the cage and fly away empty,
First of all, don’t fall asleep to the name of Ram.
You have taken green shelter, do not move here and there
effigies of soil Sita Ram Sita Ram Bol Re

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