क्रीट कुंडल पहन डाले काज़ल नयन ,
माई अँगना पधारीं, मज़ा आ गया ।
होंठ लाली लगी माथे बिंदिया सजी,
माई अँगना पधारीं मज़ा आ गया।।
क्रीट……
धोके चरणों को चरणामृत पी लिया,
धूप नैवेद्य से माँ का स्वागत किया ।
दीप माला सजी खिल उठी हर कली,
माई अँगना पधारीं मज़ा आ गया।।
क्रीट…………
सिंह के साथ आई हैं माता मेरी,
शस्त्र धारण किये कंठ माला सजी।
माँ सुदर्शन लिए सबने दर्शन किये,
माई अँगना पधारीं मज़ा आ गया।।
क्रीट…
लाल चूनर में माँ बड़ी प्यारी लगें,
नित नए रूप में सबसे प्यारी लगें।
हाथ कंगना सजे पांव पायल बजे।
माई अँगना पधारीं मज़ा आ गया।।
क्रीट…….
गीतकार-राजेंद्र प्रसाद सोनी
Kajal Nayan wears krit kundal,
Come on my angana, it’s fun.
The lips were red, the forehead was dotted,
Enjoyed my angana.
crete……
drank the charanamrit to the deceitful feet,
Welcoming the mother with incense naivedya.
Every bud blossomed with a lamp garland,
Enjoyed my angana.
Crete…………
Mother Mary has come with the lion,
Wearing weapons adorned the throat garland.
Everyone had darshan for Maa Sudarshan.
Enjoyed my angana.
crete…
Mother looks very cute in Laal Choonar,
Look cutest as ever.
Hands and ankles adorned with Kangana.
Enjoyed my angana.
Crete…….
Lyricist – Rajendra Prasad Soni