कान्हा मैं दीवानी हो गई हु,
बरसाने की इन गलियां में,
राधा मैं दीवाना हो गया हु,
वृन्दावन की इन गलियां में,
गोकुल मथुरा ढूंढा तुझको और वृन्दावन धाम हो,
राधी न ढूंढे बरसाना तरसे मेरे नैना,
मैं दीवाना हो गया हु,
वृन्दावन की इन गलियां में,
बंसी भजाते हो मुझको बुलाते हो मीठी मीठी बतियाँ करते हो,
यमुना तट पे रास रचाते हो बोर से हो गई धुपहरैया,
मैं दीवाना हो गया हु,
वृन्दावन की इन गलियां में,
राधे रानी मान ने केहना दूर न मुझसे रहना हो,
अपने दिल से न ठुकराना बोले मेरे मनवा,
मैं दीवाना हो गया हु,
वृन्दावन की इन गलियां में,
श्याम के बिना कोई न अपना लगे झूठा सपना हो,
होके मस्ती तेरी भगति में सरवीण गाये भजनावा,
मैं दीवाना हो गया हु,
वृन्दावन की इन गलियां में,
Kanha I have become addicted,
In these streets of rain,
Radha I have become crazy,
In these streets of Vrindavan,
Gokul Mathura find you and Vrindavan Dham be there,
Don’t seek Radhi,
I’m crazy
In these streets of Vrindavan,
You send me a flute, you call me sweet, and you talk sweetly,
When you create a raas on the banks of Yamuna, the sun has become boring,
I’m crazy
In these streets of Vrindavan,
Radhe Rani Maan said, don’t stay away from me,
Don’t reject my heart and say my mind,
I’m crazy
In these streets of Vrindavan,
Without Shyam, no one seems to be a false dream of his own.
In Hoke Masti Teri Bhagati, Sarveen sang Bhajanava,
I’m crazy
In these streets of Vrindavan,