मैं जदो दा शिरडी जाके मथा टेक लिया,
मैं सच्चे रब नु साई दे विच देख लिया,
मेरी रूह तेरे रंग विच रंगी दुनिया याद नहीं,
मेरे नैना दे विच तेरी सूरत खवाब नहीं,
मेरे मन को लालच लखा कोसो दूर गया,
मैं सच्चे रब नु साई दे विच देख लिया,
तेरे दर ते मैं फिर आवा गा हर इक साल साई,
मेरी झोली दे विच पा दो इक लाल साई.
सिर धरके तुहाड़े चरनी मथा टेक लिया,
मैं सच्चे रब नु साई दे विच देख लिया,
सारे भगता नु तू सी ला दिता है पार साई,
तू सी कर दिता है सब दा बेडा पार साई,
तुहाडी महिमा दा न हुन कोई भेद पेया
मैं सच्चे रब नु साई दे विच देख लिया,
I went to Shirdi and paid my respects,
I have seen the true Lord in the light,
Meri Rooh Tere Rang Vich Rangi Duniya Yaad Nahi,
Mere Naina De Vich Teri Soorat Khawab Nahin,
Mere man ko lalch lakha koso door gaya,
I have seen the true Lord in the light,
Tere Dar Te Main Phir Aawa Ga Har Ik Saal Sai,
Put a red sai in my pocket.
Sir dharke tuhade charni matha tek liya,
I have seen the true Lord in the light,
Saare bhagta nu tu si la dita hai par sai,
Tu Si Kar Dita Hai Sab Da Beda Par Sai,
Your glory is no longer concealed
I have seen the true Lord in the light,