ना मैं सोहनी, ना गुण पल्ले, ना कोई सोहना अमल कमाया
घर देयां आवें भूल भुलेखे मेरा सोहनी नाम धराया
अज्ज दोहाई है सच्ची सरकार दी
मैं मंगती तेरे दरबार दी
किसे कम दी ना, किसे कार दी,
मैं मंगती तेरे दरबार दी
कोई गुण नहीं पल्ले, मैं अवगुण हारी
दुखा दी मारी माँ मैं दुखेयारी
मेनू दुनिया है दुत्कारदी
मैं मंगती तेरे दरबार दी…
मैं करमा मारी, मेनू चरनी ला ले
नी मेरा होर ना कोई मेनू अपना बना ले
तू ते सब दे भाग सवारदी
मैं मंगती तेरे दरबार दी…
जन्मा तो प्यासी मेरी रूह कुर्लावे
मेरे चंचल मन नु माँ चैन न आवे
मेनू तलब तेरे दीदार दी
मैं मंगती तेरे दरबार दी…
हे जग दी दाती, मेरा मान न तोड़ी
इस चंचल नु माँ, खाली ना मोड़ी
तैनू सोह बचेया दे प्यार दी,
मैं मंगती तेरे दरबार दी…
इस दी माया समझ ना औदी है
अपनी लीला अजब दिखांदी है
सारी दुनिया दी हुकामराह हो के
अपने बचेया तो हार जांदी है
श्रधा दे नाल मना लिता
दस तू जीतिओ के मैं जितेया
जो मंगेया सी ओह पा लिता
मैं मंगती तेरे दरबार दी…
मैया तू सब तो आली है
तू सारे जग दी वाली है
मैं वि ते चाकर दर दा हां
दिन रात ही सेवा करदा हां
सेवा नाल तैनू पा लिता
दस तू जीतिओ के मैं जितेया…
तू पुचेया ते मैं चुप रहा
ना अपने दिल दा हाल कहा
दिल बोलेया तू पहचान गयी
सब दिल दीया गलां जान गयी
बिन मंगेया सब कुछ पा लिता
दस तू जीतिओ के मैं जितेया…स्वरनरेन्द्र चंचल
I am not beautiful, nor have I possessed virtues, nor have I earned any beautiful deeds
Ghar Deyan Aave Bhul Bhulekhe Mera Sohni Naam Dharaaya
Today is the cry for true government
I am a beggar of your court
Not for anyone less, for someone else,
I am a beggar of your court
I have no virtues, I have lost my defects
I am the mother of suffering
I am cursed by the world
Main Mangti Tere Darbar Di.
I’m karma killed, take me to the pasture
No one else can make me their own
You and everyone’s fortunes ride
Main Mangti Tere Darbar Di.
Born thirsty, my soul cries out
My restless mind does not find peace
I long to see you
Main Mangti Tere Darbar Di.
O Giver of the world, do not dishonor me
Don’t turn this playful, mother, empty
Tainu Soh Bacheya De Pyar Di,
Main Mangti Tere Darbar Di.
The magic of this is incomprehensible
She shows her deeds wonderfully
Being the ruler of the whole world
She loses her survivors
I celebrated with reverence
Ten you won that I won
I got what I asked for
Main Mangti Tere Darbar Di.
Maya you are all there
You are the owner of the whole world
I am also a servant of the door
I serve day and night
I found you with service
Ten you won that I won.
You asked and I kept quiet
Not to mention your heart
The heart said you recognized
I knew all the heartfelt thoughts
I got everything without asking
Ten you won that I won…Swaranarendra Chanchal