मैं पाप का पुतला हु तू दया की मूरत है,
मैं याचक तू दानी मुझे तेरी जररूत है,
मैं पाप का पुतला हु तू दया की मूरत है,
संसार कहु दाता माया में लिपटा हु,
पग पग पे कपट करू पापो में उलझा हु,
मैं भूल गया चलती याहा तेरी अदालत है,
मैं पाप का पुतला हु तू दया की मूरत है,
तू हाकिम मैं मुजरिम कर माफ़ गुन्हा मेरे,
इस बार बरी कर दे लो शरण पड़ा तेरे,
फरयादी को मिलती याहा तेरी इनायत है,
मैं पाप का पुतला हु तू दया की मूरत है,
हे दीं बंधू मेरी कर माफ़ खता प्रभुवर,
ले हर्ष पकड़ बाहे आ गे का रस्ता कर,
इस दीं की हस्ती तो याहा तेरी बदौलत है,
मैं पाप का पुतला हु तू दया की मूरत है,
I am an effigy of sin, you are an idol of mercy,
I beg you, I need you,
I am an effigy of sin, you are an idol of mercy,
The giver of the world is wrapped in Maya,
I will cheat every step of the way, I am entangled in sins,
I have forgotten that moving yaha is your court,
I am an effigy of sin, you are an idol of mercy,
You are the ruler, I am guilty and forgive my sin,
Get acquitted this time, you have got refuge,
Yaha to the complainant, your grace is there,
I am an effigy of sin, you are an idol of mercy,
Oh dear brother, forgive me my taxes Lord,
Take the joy out of your way,
The personality of this lady is because of you.
I am an effigy of sin, you are an idol of mercy,