मैं तो दीवानी साई नाम की,
जोगन बनी मैं साई नाम की,
तेरी सो सैयां में ही मर जावा गई जो तेरी मेरी गल न बनी,
साई मेरा सच्चा साथी और न कोई दूजा,
मन मंदिर में सजा के मूरत रोज करूगी पूजा,
साई नाम की अपने मन में सच्ची ज्योत जगाउ गी,
तेरी सो सैयां में ही मर जावा……
शिरडी वाले के चरणों में बहते स्वर्ग के तारे,
बाबा के प्रेमी होती है सारे जग से न्यारे,
लग्न लगा के साई नाथ से मैं जोगन हो जाऊगी,
तेरी सो सैयां में ही मर जावा………
सिर पे मेरे हाथ हो उसका और न कुछ मैं चहु,
सच्ची दौलत पाके कर्म की मैं तो धन्य कहाऊ,
सांसो की माला पे प्यार से साई साई गाउ गी,
तेरी सो सैयां में ही मर जावा………..
I am named Deewani Sai.
Jogan became I named Sai,
You died in your life, which did not become your fault.
Sai is my true companion and not a couple,
I will worship the idol of punishment in the temple of mind everyday,
Will awaken the true flame in my mind named Sai.
Die in your so saiyan only……
The stars of heaven flowing at the feet of Shirdi
Baba’s lover is different from the whole world,
I felt like I would become jogan with Sai Nath.
Die in your so saiyan only………
If I have my hands on my head, I don’t like him or anything.
Where can I be blessed by the deeds of getting true wealth?
Sai Sai sings with love on the garland of breath,
Die in your so saiyan only………..