मैया की महफ़िल को मैया सजाती है,
किस्मत वालो के घर में मैया आती है,
गहरा हो नाता मैया का जिनसे,
मिलने को मैया आती है उनसे ,
उनकी यह साथी बन जाती है ..
किरपा बरसती है जिस पे इसकी ,
तकदीर लिखती हाथों से उसकी ,
गम का अँधेरा छट जाता है
भजन सुनते जो इसको प्यारे,
उनके तो परिवार के वारे न्यारे,
मंदिर सा घर बन जाता है
कुछ भी असंभव होता नहीं है,
महफ़िल में इनकी होता यही है,
” आनंद ” सब यहाँ मिल जाता है
Maya decorates Maya’s gathering,
Maya comes to the house of the lucky ones,
Maya is deeply related to whom,
Maya comes to meet him,
This becomes his companion.
Kirpa rains on which its,
Writing his fate with his hands,
the darkness of gloom dissipates
Hear the hymns who love it,
His family is different,
temple becomes home
nothing is impossible,
This is what happens to them in the gathering,
“joy” is all found here