मने सुनी मेरी मैया रानी भर भर झोली बांटे से
मेरी बारी कब आवेगी मने क्यों पाछे ने राखे से,
लक्ष्मी रूप में धन देती हो यु दुनिया मे रूपा जी
आता ने दिन बहुत हो लिए मैं तो राख लिया सुखा जी
देख ले तू मेरी तरफ भी हिया जिगर का पाते से,
मने सुनी मेरी मैया रानी भर भर झोली बांटे से
सब कामो में अड़चन मेरे बीच भवर में फस गया
मेरा मरण लोगो की हंसी संकट कौन सा कस गया
आस लगाई तेरी मैया तू विपदा सारी काटे से
मने सुनी मेरी मैया रानी भर भर झोली बांटे से
शरण पड़े की लाज राख ले सुनो मेरी महारानी
केह हरी ॐ बिना धन दोलत खराब रहे जिंदगानी,
करिए मेहर रेहम की मैया क्यों ज्यादा तरसावे से
मने सुनी मेरी मैया रानी भर भर झोली बांटे से
I listened to my mother by distributing a bag full of queens
When will my turn be impulsive, why did I get back from the rakhi,
You give wealth in the form of Lakshmi, Rupa ji in the world
Aata has taken many days, I have taken ashes, Sukha ji
Look, you are on my side too from the heart of the liver,
I listened to my mother by distributing a bag full of queens
The obstacle in all the work got stuck in the middle of me
What tightened my death people’s laughter crisis
I hoped for you
I listened to my mother by distributing a bag full of queens
Take refuge in the ashes, listen my queen
Keh Hari Without money wealth, life is bad,
Why do Mehr Reham ki Maiya with more trepidation?
I listened to my mother by distributing a bag full of queens