मटकी न फोड़ो सांवरियां मोहे माई मारेगी,
यमुना तट से नीर भरन को दूर से चल के आई,
कैसे टूट गई रे मटकी
पूछे गी मेरी माई,
रसता छोड़ दे ओ सांवरियां ना कर यु तू अटखेली,
मटकी न फोड़ो सांवरियां मोहे माई मारेगी,
श्याम सलोने मान ले केहना दूर बहुत है जाना,
इस में कोई माखन न है जो तुझको है खाना,
पानी यमुना जी का इस में कुछ न और है कान्हा सोगंद खा ऋ रे
मटकी न फोड़ो सांवरियां मोहे माई मारेगी,
माटी की जो गागर फूटी फिर न आ पाउंगी
तेरी प्यारी सूरत का दीदार न कर पाउगी
या फिर भेजी गे री माई काहे समजे न हरजाई ताने मारे गी
मटकी न फोड़ो सांवरियां मोहे माई मारेगी,
सांवरे माहे जाने भी दो क्यों हट छोड़े ना ही
पानी जाए मटकी बिन काहे समजे नाही
मैं तो हारी रे सांवरियां तो पे वारी रे सांवरियां मर्जी थारी रे
मटकी न फोड़ो सांवरियां मोहे माई मारेगी,
Matki Na Fodo Sanwariyan Mohe Mai Maregi,
Yamuna tat se neer bharan ko door se chal ke aai,
How did the jug break?
Pooche gi meri mai,
Rasta Chhod De O Sanwariyan Na Kar Yu Tu Atkheli,
Matki Na Fodo Sanwariyan Mohe Mai Maregi,
Shyam Salone Man Le Kehna Door Bahut Hai Jaana,
Is mein koi makhan na hai jo tujhko hai khana,
The water of Yamuna is nothing else in it
Matki Na Fodo Sanwariyan Mohe Mai Maregi,
The clay pot that broke will not come back
I will not be able to see your lovely face
Or if you send it, why don’t you understand that the harjai will taunt you?
Matki Na Fodo Sanwariyan Mohe Mai Maregi,
Saanware Mahe Jane Bhi Do Kyon Hat Chhode Nahi
Why doesn’t the water go without a jug?
Main To Hari Re Sanwariyan To Pe Wari Re Sanwariyan Marji Thari Re
Matki Na Fodo Sanwariyan Mohe Mai Maregi,