मेला कार्तिक का आया,
मैं बाबा घनी दूर से आया,
पहले क्या भीड़ थोड़ी थी,
ऊपर से मीह बरसाया,
क्यों मीह के साथ ये आंधी तेज चलावे से,
इब दर्शन देदे बाबा क्यों तडपावे से ,
मेला कार्तिक का आया,
सुना से बाबा खाटू में बड़ी सेटिंग चाले से,
वि आई पे सेठ के आगे खुल जा ताले से,
मैं थर थर कांपू तू मुश्कावे से,
इब दर्शन देदे बाबा क्यों तडपावे से
देशी घी के चूरमे में पानी मिल जायेगा,
अलाहा चूरमा खा के तेरा स्वाद बिगड़ जावे गा,
क्यों झर झर मीठी झड़ी लगावे से,
इब दर्शन देदे बाबा क्यों तडपावे से
चूरमे का शौकीन से लागे विनती सुन तो ली जी,
स्वाद की खातिर मी और आंधी खाटू से कोसो दूर,
क्यों पल पल पल वे चैनी तू बढ़ावे से,
इब दर्शन देदे बाबा क्यों तडपावे से
तेरी मूरत देख के लगा तेरे दिल में समाना है,
पंकज का इब हाथ पकड़ संग घर तेरे जाना है,
इक पल से दर्शन से चैन भी आवे से,
मेरे संग होले मेरे बाबा क्यों तडपावे से,
मेला कार्तिक का आया.
The fair came of Karthik.
I Baba came from a dense distance,
Was there a little crowd earlier,
It rained from above,
Why is this storm with meh due to strong movement,
Ib darshan dede baba why with trepidation,
The fair came of Karthik.
Hear from Baba Khatu with great setting tricks,
Open with locks in front of Seth
I tremble with sorrow,
Ib darshan dede baba why with trepidation
Water will be found in the churma of native ghee,
Alaha, your taste will get spoiled by eating churma.
Why by pouring sweet showers,
Ib darshan dede baba why with trepidation
When I heard the request made by the fond of churma, then li ji,
For the sake of taste, far away from Me and Typhoon Khatu,
Why do you increase your happiness from moment to moment,
Ib darshan dede baba why with trepidation
Seeing your idol, I felt like there is a match in your heart,
You have to go home with Pankaj’s hand,
From a moment’s darshan to the rest also come,
Why are you with me, my Baba, with trepidation?
The fair came for Kartik.