मेरे घर में जो कुछ भी है

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ना मेरी तकदीर का ना सारे जहान का,
मेरे घर में जो कुछ भी है दियां हुआ है श्याम का,

दभी पड़ी है झोपडी बाबा के एहसान से,
भरा पड़ा है घर मेरा बाबा के समान से,
रोम रोम मेरा कर्ज दार है बाबा के एहसान का,
मेरे घर में जो कुछ भी है दियां हुआ है श्याम का,

खाटू जाने से पहले खाली हाथ हमारे ये,
हाथ लगा सब कुछ मेरे जब चौकठ के सवाली थे,
बना भिखारी मैं इस के खाटू धाम का,
मेरे घर में जो कुछ भी है दियां हुआ है श्याम का,

जो किस्मत से हारे है हालत से मजबूर है,
साथ निभाये हारे का ये इसका दस्तूरर है,
बाबा तेरी किरपा से जीवन है अब आराम का,
मेरे घर में जो कुछ भी है दियां हुआ है श्याम का,

अगर दोबारा जन्म मिले याद रहे मुझे श्याम की,
ये कुटियाँ मोहताज रहे बाबा के श्याम की,
वनवारी जवाब नहीं है श्याम तुम्हारे दान का,
मेरे घर में जो कुछ भी है दियां हुआ है श्याम का,

Neither of my fate nor of the whole world,
Whatever is in my house is given to Shyam,

The hut is buried by Baba’s favor,
My house is full like Baba’s,
Rome Rome my debt is due to Baba’s favor,
Whatever is in my house is given to Shyam,

Before we go to Khatu empty handed,
I felt everything when there were questions about the square,
I became a beggar of this Khatu Dham,
Whatever is in my house is given to Shyam,

One who is defeated by luck is compelled by condition,
This is its custom to play with the loser,
Baba, because of your grace, life is now of rest,
Whatever is in my house is given to Shyam,

If I get born again, remember me Shyam’s,
These huts were fascinated by Baba’s Shyam,
Vanwari is not the answer, Shyam for your donation.
Whatever is in my house is given to Shyam,

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