(तर्ज: किसी की नैया का …)
मेरे घर पे सांवरिया हर दम पहरा तेरा ,
तेरी कृपा से तो चलता परिवार मेरा ,
तेरे इत्तर की खुशबु से महके घर बार मेरा
प्रेमियों से बाबा हमको मिलाता ,
हर प्रेमी में नज़र तुहीं आता ,
हर प्रेमी का तेरे , चरणों में है डेरा ,
मेरे घर पे ….
जब कोई संकट हमको सताए ,
सांवरिया तू वहीं नजर आए ,
संकट को बाबा , डर लगता है तेरा ,
मेरे घर पे ….
हो दिल उदास मेरा तुमको निहारुं ,
जब भी जरुरत पड़ती तुमको पुकारुं ,
‘देवकीनंदन’ को , होता अहसास तेरा ,
मेरे घर पे ….
(Line: someone’s boat…)
At my home, every time you guard yours,
Your grace so ,
Your ‘Ittar”s ‘Khushbu’ is like this ‘home’ bar
Lovers like this baba unites us,
In every lover you see ,
Every lover has a camp at your feet.
At my home….
When a crisis haunts us,
Saawariya you came there
Baba, fear feels like yours,
At my home….
Ho heart sad I look at you,
I’ll call you whenever I need it,
‘Devkinandan’, would have felt ‘yours’,
At my home….