मेरे साई की क्या बात चरचा गली गली

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मेरे साई की क्या बात चरचा गली गली,
मैं तो गुण गाऊ दिन रात चरचा गली गली.

मेरी होती उस से बात निश दिन आँखों में,
मैं मांगू उस से जो इक वो देता लाखो में,
हां घर खुशियों की बरसात चरचा गली गली,
मेरे साई की क्या बात चरचा गली गली,

मुझको मन चाहे का मीत मिल गया शिरडी वाला,
भोली सूरत बांध के रोली और गले में माला,
मिली दर्शन की सौगात चरचा गली गली,
मेरे साई की क्या बात चरचा गली गली,

सतिया लाल गुलाल से देखो सजे है घर का आंगन,
आये गा इक रोज वो साई जो मेरा मन भावन,
संग शिव जी की बरात,चरचा गली गली,
मेरे साई की क्या बात चरचा गली गली,

मैंने सपने सहज सजाओए और प्लू में बंधे,
आये भले चाहे लाख समंदर मैंने वो सब लांगे,
मेरे बदल गये हालात चरचा गली गली,
मेरे साई की क्या बात चरचा गली गली,

What about my Sai?
I will sing praises day and night.

I would have talked to him in the eyes of a good day,
I would ask from the one who gives me in lakhs,
Yes, the rain of happiness in the house, the street, the street,
What about my Sai?

I have got the meat I want from Shirdi,
Bholi Surat Dam’s roli and garland around the neck,
Got the gift of darshan Charcha Gali Gali,
What about my Sai?

Look at the courtyard of the house is decorated with Satiya Lal Gulal,
Come sing every day that Sai who is my soul,
With Shiva ji’s procession, Charcha Gali Gali,
What about my Sai?

I made dreams easy and tied in a plu,
Even if a million seas come, I will bring them all,
My circumstances have changed, street by street,
What about my Sai?

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