मेरे श्याम की शरण में जो सवाली बनके आया,
जिसने भी सिर झुकाया उसको गले लगाया,
उपकार इतना मुझपर मेरे श्याम ने किया है,
जो कुछ भी मैंने माँगा मेरे श्याम में दिया है,
मेरी एक पुकार पर ही ये दौड़ कर के आया,
जिसने भी सिर झुकाया उसको गले लगाया,
मेरे श्याम की शरण में जो सवाली बनके आया,
पोंछे है मेरे आंसू हसना मुझे सिखाया,
थामा है हाथ मेरा अपना मुझे बनाया,
चलता है साथ मेरे जैसे के मेरा साया,
जिसने भी सिर झुकाया उसको गले लगाया,
मेरे श्याम की शरण में जो सवाली बनके आया,
तकदीर से भी ज्यादा बाबा ने दे दियां है,
गम से भरा था जीवन खुशियों से भर दिया है,
उजड़े मेरे चमन में ये बहार बनके आया,
जिसने भी सिर झुकाया उसको गले लगाया,
मेरे श्याम की शरण में जो सवाली बनके आया,
अब गम नहीं है मुझको डाये सितम ज़माना,
मुझे हारने ना देगा दातार मैंने माना,
अब राम सिंह फ़िक्र क्या जब श्याम ने अपनाया,
जिसने भी सिर झुकाया उसको गले लगाया,
मेरे श्याम की शरण में जो सवाली बनके आया,
The question that came in the shelter of my shyam,
He hugged whoever bowed his head,
My Shyam has done so much on me,
Whatever I asked is given in my shyam,
It came running on my one call only.
He hugged whoever bowed his head,
The question that came in the shelter of my shyam,
Has wiped my tears taught me to laugh,
Have held my own hand made me,
Walks with me like my shadow,
He hugged whoever bowed his head,
The question that came in the shelter of my shyam,
Baba has given more than the fortune,
Life was full of sorrow, life is full of happiness,
It came as a spring in my desolate chaman,
He hugged whoever bowed his head,
The question that came in the shelter of my shyam,
I don’t have sorrow now, I am dying my life,
Datar will not let me lose, I agreed,
Now what about Ram Singh when Shyam adopted,
He hugged whoever bowed his head,
The question that came in the shelter of my shyam,