मेरी लाज रखना मेरी लाज रखना,
तेरी शरण में आया मैं बाबा हाथ रखना,
मेरी लाज रखना…….
तू है दाता मैं हु भिखारी,
कैसे निभे गी अपनी यारी,
बन के भिखारी मैं आया बाबा,
झोली भरना,मेरी लाज रखना …..
अपने दर पे देना ठिकाना बुरे कर्म से मुझे बचाना,
बनके सवाली आया मैं बाबा हाथ रखना,
मेरी लाज रखना ………
हाथ जोड़कर तुम्हे मनाऊ,
अख के अनसु भेट चढ़ाऊ,
बनवारी इन्हे मोती समज कर सवीकार कर,
मेरी लाज रखना ………
keep my shame keep my shame,
Baba, I came under your shelter, lay my hands,
Shame on me…….
You are the giver, I am the beggar,
How did you do your friend?
Baba, I came as a beggar.
Fill my bag, keep my shame…..
Give me a place at your rate to save me from bad karma,
I asked Baba to keep my hand,
Shame on me………
Let me celebrate you with folded hands,
Unsu’s offering of Akh,
By accepting them as pearls, Banwari
Shame on me………