मेरे लगी गुरु संग प्रीत

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मेरी लगी गुरु संग प्रीत,
ये दुनियाँ क्या जाने ll
क्या जाने कोई क्या जाने,
मैं जानू याँ वो जाने ll
मुझे मिल गया ll, मन का मीत,
ये दुनियाँ क्या जाने
मेरी लगी गुरु ………..

छवि लखी मैंने, गुरु की जब से
भया दीवाना, मैं तो तब से
बाँधी प्रेम की, डोर सतगुर से
नाता तोड़ा, मैंने जग से
है ये कैसी ll, पागल प्रीत,
ये दुनियाँ क्या जाने
मेरी लगी गुरु ……….

सतगुरु की, नूरानी सूरतिया
मन में बस गई. मोहनी मूरतिया
लोग कहे, मैं तो भया बावरिया
जब से ओढ़ी, नाम की चुनरिया
मैंने छोड़ी ll, जग की रीत,
ये दुनियाँ क्या जाने
मेरी लगी गुरु………

हर दम अब मैं, रहूँ मस्ताना,
लोक लाज सब, दीना बिसराना,
रूप गुरु का, अंग अंग समाना ,
हैरत हैरत मैं, रहूँ दीवाना ,
मै तो गाऊँ ll, ख़ुशी के गीत,
ये दुनियाँ क्या जाने
मेरी लगी गुरु ……….

भूल गया कहीं, आना जाना,
जग सारा अब, लागे बेगाना,
अब तो केवल, सतगुरु ही ठिकाना,
रूठ जाए तो, उन्हें ही मनाना,
अब होगी ll, शब्द से प्रीत,
ये दुनियाँ क्या जाने
मेरी लगी गुरु ……….

लग्न लगी मेरी, गुरु से जब से,
नाम की दौलत, मिल गई तब से,
सतसंगी होकर जो सीखा ,
काम क्रोध खोकर जो सीखा ,
मेरी हो गई ll, हार से जीत ,
ये दुनियाँ क्या जाने ,
मेरी लगी गुरु ……..

सारी दुनियाँ का ठुकराया,
सतगुरु तेरे चरणों में आया,
प्रीतम ने खुद प्रेम जताया ,
करके इशारा पास बुलाया,
फिर सुना ll, अनहद सँगीत,
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु ……..

अनीता गर्ग

I love my guru with love,
What will this world know
Who knows what,
I know or I’ll know
I’ve got it, my sweetheart,
what is this world
My guru………..
I took the image of the guru since
Bhaya crazy, I have been since then
Tidy of love, Door to Satgur
broke ties with the world
How is this ll, mad love,
what is this world
My guru………..
Satguru’s, Noorani Suratiya
settled in my mind. mohini murtia
People say, I am afraid of Bavaria
Ever since the odhi, the name of the chunariya
I’ll leave the way of the world,
what is this world
My guru………
Every time now I am, Mastana,
Lok Laj Sab, Dina Bisrana,
Form of Guru,
I am surprised, I am crazy,
I’ll sing songs of happiness,
what is this world
My guru………..
Forgot somewhere, coming and going,
Jag sara now, lage begana,
Now only the Satguru is the abode.
If you get angry, convince them only.
Now I will love the word,
what is this world
My guru………..
Ever since my marriage with the guru,
Got the wealth of the name, since then,
What you learned by being a Satsangi
What I learned by losing lust and anger
I’m done, I win by defeat,
What does this world know
My guru………
rejected by the whole world,
Satguru came at your feet,
Pritam himself expressed his love,
By gesture called near,
Then I’ll hear, endless music,
what is this world
My guru………

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