मेरी मैया मत रुकने दिन दो चार
झोपडी देखन में के जाए के कुटियाँ देखन में के जाए
मेरी कुटियाँ में अगर पाँव धारे कुन्सा महापर एहसान करे
मेरी मैया यो तेरा ही परिवार
प्रेम महासू राखन में के जाए
मेरी मैया मत रुकने दिन दो चार
अगर भगत तेरी मनोहार करे
कौनसा तेरे सिर भार चदे
मेरी मैया थोडा महँगा पड़े पकवान
तू रोटी सेकन मायेके जाए
कुटियाँ मेरी मज़बूरी से
तने घर भी बुला जरुरी से
वनवारी मत करिए गरीबी दूर
बात या सोचन मायेके जाए
don’t stop my love
Look at the huts and see the huts
If the feet in my huts do good favor to Kunsa Mahar
my mother yo tera hi family
Love should be done in Mahasu Rakhan
don’t stop my love
If Bhagat pleases you
which one weighs on your head
My Maya is a little expensive dish
you go to your maternal home
huts by my compulsion
It is necessary to call the stem home
Do not forestall poverty away
talk or think