मेरी मइया ने कैसी सौगात दे दी,
जागरण के लिये सारी रात दे दी
कर लो जागरण मइया का –॥
रात का जो भी जागरण कराये,
भगवती माता घर उसके आये –॥
ओ लेके बजरंगी संग,
भैरों मस्त मलंग,
ओ माँ ने भक्तों को दर्शन की रात दे दी
जागरण के लिये सारी रात दे दी
कर लो जागरण मइया का – ॥
दुख हरणी ये दीन दयाला,
ये माँ काली ये मां ज्वाला,
मारे शुम्भ निशुम्भ,
मधु-कैदम-कुटुम्ब
ओ माँ ने कैसे-कैसे दुष्टों को मात दे दी
जागरण के लिये सारी रात दे दी
कर लो जागरण मइया का – ॥स्वरनरेन्द्र चंचल
What gift did my mother give
gave the whole night for awakening
Do Jagran Maiya Ka -॥
Whatever awakens the night,
Bhagwati Mata came to her home.
Oh with Bajrangi,
Bhairon Mast Malang,
O mother gave the devotees the night of darshan
gave the whole night for awakening
Do Jagran Maiya Ka –
Deen Dayala, who removes sorrow,
This mother black, this mother flame,
Mare Shumbha Nishumbha,
honey-kaidum-kutumb
O Mother, how did she overcome the wicked
gave the whole night for awakening
Do Jagran Maiya Ka – Swarnarendra Chanchal