दोहा
सितारे मंद पड़जाये तो चमकाएं कहा उसको,
अगर सूरज हुआ ठंढा तो गरमाये कहाँ उसको,
जमी को मौत आजाये तो दफनाए कहाँ उसको,
समुंदर होजाये नापाक नहलायें कहाँ उसको,
आग हवा पानी मिट्टी से मिलकर बना सरीर,
ये जीवन एक धुंधली काया केहगये दास कवीर,
धन गिनने से बढ़ जाती है और भी मनकी प्यास,
मूरख मनवा धन क्या गिनना कहगये तुलशी दास,
ताना बाना टूट न जाये मनकी चदरिया बीनते बीनते,
अपनी गिनती भूल न जाना धन दौलत को गिनते गिनते,
भाई भतीजा कुटुम्ब कबीला साथ न तेरे जाएंगे,
सैकड़ो मन माटी के नीचे तुझे दवा कर आएंगे
वख्त से आंखे मिला ख्वाबो का चादर छोडदे,
धूप सिर पे आचुकि है अबतो बिस्तर छोड़दे
मिलती है प्रेमियों की संगत कभी कभी,
चढ़ती है श्याम नाम की रंगत कभी कभी,
मिलती है प्रेमियों की संगत….
दौलत के पीछे भागना इतना उचित नहीं,
लेती है जान इंसान की ये दौलत कभी कभी,
मिलती है प्रेमियों की संगत
सोहरत को पाके भूलो न भगवान को कभी,
लेता है छीन देकर ये इज्जत कभी कभी,
मिलती है प्रेमियों की संगत
हसने से पहले दूजे पर खुद को निहारिये,
दिखलाती है बुरे दिन ये आदात कभी कभी,
मिलती है प्रेमियों की संगत
Hemkant jha pyasa
Doha
If the stars get dim, shine it,
If the sun turns cold, then where does it heat up?
If death comes to the ground, where should he bury him?
Where does the sea become impure,
The body made up of fire, air, water, soil,
This life has become a blurred body, the slave poet,
Counting of wealth increases the thirst of the mind even more,
Tulshi Das said, what is the foolish manwa money to count?
The warp should not be broken, the bead’s drapery plucked,
Don’t forget your count, count the wealth and wealth,
Brother-nephew family will not go with you,
Hundreds of minds will bring you medicine under the soil
I got eyes from Wakht, leave the sheet of dreams,
Sunshine is on your head, now leave the bed
Sometimes the company of lovers meets,
Sometimes the color of the name Shyam climbs,
Meets the company of lovers….
It is not so fair to run after wealth,
Takes life this wealth of man sometimes,
Meets the company of lovers
Never forget God by finding the Sohrat
Takes away this respect by snatching it sometimes,
Meets the company of lovers
Look at yourself before laughing
This habit shows bad days sometimes,
Meets the company of lovers
Hemkant jha pyasa