मन में बसे है प्रभु श्री राम,
जय सिया राम जय सिया राम
सब की चिंता हरे श्री राम बंधु प्रेम से भरे श्री राम ,
मात पिता की आज्ञा का पालन सब के पथ दर शत श्री राम,
मन में बसे है प्रभु श्री राम,
जय सिया राम जय सिया राम
शबरी की भगति वैर समाई सीन फाड़ प्रतिमा है जगाई ,
वायुपुत्र की है भगति अपार संसार के पालक प्रभु श्री राम,
मन में बसे है प्रभु श्री राम,
जय सिया राम जय सिया राम
Lord Shri Ram is settled in the mind,
Jay Siya Ram Jay Siya Ram
Everyone’s concern, Hare Shri Ram brothers, Shri Ram filled with love,
Following the orders of the mother and father, one hundred and fifty-fourth of the path of Shri Ram,
Lord Shri Ram is settled in the mind,
Jay Siya Ram Jay Siya Ram
Shabari’s bhagati vaira samaai scene torn statue is awakened,
Vayuputra belongs to Lord Shri Ram, the guardian of the immense world.
Lord Shri Ram is settled in the mind,
Jay Siya Ram Jay Siya Ram