मोहन मोहन मोहन पुकारु गलियों में
तुम को ढूंडा है मथुरा की गलियों में
मोहन मोहन मोहन पुकारु गलियों में
माखन मिश्री हो जिस घर में दोड जाता है,
जिस को केहते है गोपाल माखन खाता है
फिर ग्वालो की टोली लेके आता है,
तुम को ढूंडा है मथुरा की गलियों में
मोहन मोहन मोहन पुकारु गलियों में
गोकुल हो या चाहे मथुरा लीला प्यारी है
कृष्णा कृष्णा केह के देखो मैया हारी है,
राधा भी अब ढूंड ढूंड के हारी है
तुम को ढूंडा है सखियों की गलियों में
मोहन मोहन मोहन पुकारु गलियों में
इक आप हुए गोपाल इक गोपाल मैं हु
तूम हो मुरली के बजैया और कवाल मैं हु
हे मथुरा के स्वामी तेरा दास मैं हु
तुमको ढूंडा है मथुरा की गलियों में
मोहन मोहन मोहन पुकारु गलियों में
Mohan Mohan Mohan Pukaru in the streets
You have been found in the streets of Mathura
Mohan Mohan Mohan Pukaru in the streets
Makhan is sugar candy in the house where it runs,
Gopal eats butter whoever is called
Then comes with a group of cowherds,
You have been found in the streets of Mathura
Mohan Mohan Mohan Pukaru in the streets
Be it Gokul or Mathura Leela is lovely
Look at Krishna Krishna, Maya is defeated,
Radha is also lost now
have found you in the streets of friends
Mohan Mohan Mohan Pukaru in the streets
I am Gopal I am Gopal
You are like Murli and I am Kawal
O lord of Mathura, I am your servant
You have been found in the streets of Mathura
Mohan Mohan Mohan Pukaru in the streets