मोहें काहे हो ठुकराये कान्हा,
बिनु तोरे दर्श चैन न पाऊँ,
ये कैसी प्रीत लगाये कान्हा,
मोहें काहे हो ठुकराये कान्हा…….
बिनु सुन मुरली तान तुम्हारी,
मोसे रहा न जाये कान्हा,
मोहें काहे हो ठुकराये कान्हा…..
तोरी मद भरी अंखियाँ विह्वल कर दे,
ये दास कहाँ अब जाये कान्हा,
मोहें काहे हो ठुकराये कान्हा……..
भवसागर में भटक रहा हूँ,
क्यूँ नहीं पास बुलाये कान्हा,
मोहें काहे हो ठुकराये कान्हा
Why did you refuse Kanha,
Binu Tore Darshana can’t find peace,
How did you love this, Kanha?
Why did you refuse Kanha?
Binu listens to the murli of yours,
Don’t stay moose, Kanha
Why don’t you refuse Kanha…..
Make your eyes full of zucchini stuffed,
Where will this slave go now?
Why did you refuse Kanha?
wandering in the ocean
Why not call near Kanha,
Why do you reject Kanha?