नजदीक मेरे आने में आफत घबराती है,
मेरे सर पर श्यामधणी की मोरछड़ी लहराती है………….
कोई श्यामधणी के जैसा नहीं भक्तों का रखवाला,
रखवाली करने खातिर इस मोर छड़ी को संभाला,
आफत बिपदा हिल जाये गर ये हिल जाती है……….
हम श्याम धनी के संग में इस मोरछड़ी को सजायें ,
सबसे पहले बाबा इसको शीश झुकायें,
हारे को श्याम जिताये ये नसीब जगाती है………….
बिन मोर छड़ी के भक्तो है मेरा श्याम अधूरा,
मेरे बाबा के दर्शन का मिलता परिणाम अधूरा,
दर्शन पूरा हो जाये गर ये दिख जाती है………
वनवारी हर घड़ी हर पल बाबा के साथ यही है,
बस अलग अलग दिखते हैं बाबा का हाथ यही है,
बस इसीलिए एक छण में कुछ भी क्र जाती है…
Disaster panics in coming near me,
Shyamdhani’s peacock waving on my head………….
No one is like Shyamdhani, the keeper of the devotees,
Handled this peacock stick to guard,
If the calamity is shaken, it shakes……….
Let us decorate this peacock in the company of Shyam Dhani,
First of all, Baba bow your head to him,
This luck wakes up the loser by making shyam win………….
My shyam is incomplete without a peacock stick,
The result of my Baba’s darshan is incomplete.
When the vision is complete, it is visible………
Vanwari is with Baba every moment, every moment.
It is only Baba’s hand that looks different.
That’s why anything happens in a moment…