पीले पीले यह रास मीठा है राम का,
जो रस पीने से जुबा पे नाम हो घनश्याम का ।
तू पी तेरी दुनिया लुटा के पी, मस्ती में आके पी,
इस से जयादा शौंक है तो गुरु के शरण में जा के पी ।
तेरा जब निकल जायेगा जी तो फिर कौन कहेगा पी ॥
मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई,
जहाँ मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है l
पता जब लगा मेरी हस्ती का मुझको,
सिवा मेरे अपने कहीं कुछ नही है ।
मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई…
सभी में सभी में फकत मैं ही मैं हूँ,
सिवा मेरे अपने कहीं कुछ नही है ।
मुझे मेरी मस्ती कहँ ले के आई…
ना दुःख है ना सुख है ना शोक है कुछ भी,
अजब है यह मस्ती पीया कुछ नहीं है
मुझे मेरी मस्ती कहँ ले के आई…
अरे मैं हूँ आनंद आनंद मेरा
मस्ती ही मस्ती और कुछ नहीं है
मुझे मेरी मस्ती कहँ ले के आई…
भ्रम है द्वन्द है जो तुमको हुआ है
हटाया जो उसको खदफा कुछ नहीं है
मुझे मेरी मस्ती कहँ ले के आई…
Yellow-yellow, this taste is sweet for Ram,
The name of Ghanshyam is on the tongue by drinking the juice.
You drink your world after looting it, drinking it in the fun,
If you have more passion than this, then go to the Guru’s refuge and drink it.
When you will leave, then who will say drink?
where did my fun take me,
where there is nothing but my own
When I came to know about my personality,
There is nothing except me.
Where did I get my fun…
I am the only truth in all,
There is nothing except me.
Where did my fun take me…
There is neither sorrow nor happiness nor sorrow, nothing
It’s funny, drank nothing
Where did my fun take me…
Hey I am Anand Anand mine
fun is nothing but fun
Where did my fun take me…
Illusion is a conflict that has happened to you
removed what is not annoyed to him
Where did my fun take me…