रंग दो न श्याम मुझको अपने ही रंग में,
मस्ती चढ़ा दो ना मेरे अंग अंग में,
मुझे नाम वाले रंग में रंगा दे सांवरिया तेरी मेहर बानी,
मीरा पे श्याम तुमने रंग जो चढ़ाया,
जग को छुड़ा के तुमने अपना बनाया ज़हर के प्याले को अपना बनाया ,
हमको भी तू मुरली वाले ऐसी लगन लगा दे,
मुझे नाम वाले रंग में रंगा दे सांवरिया तेरी मेहर बानी,
रंग ऐसा गरवा पे तूने ऐसा चढ़ाया,
हट कर बैठी श्याम दोड़ा चला आया,
करमा का तूने कर्म जगाया रुच रुच कर जो खीचड़ खाया,
करमा खीचड़ जल्दी करमा सुन सुन कर करमा समबले,
मुझे नाम वाले रंग में रंगा दे सांवरिया तेरी मेहर बानी,
पारस ने भी गन तेरा गया लगन लगाके तुम्हे अपना बनाया,
खाली झोली कुछ नहीं लाया प्यार से भर दो दामन आस हु लाया,
शुकल दास के ;लाडले कान्हा विनय हमारी सुनले,
मुझे नाम वाले रंग में रंगा दे सांवरिया तेरी मेहर बानी,
Don’t give me color or shyam in my own color,
Give fun to my body parts,
Let me paint my name in the color of Saawariya Teri Mehr Bani,
Shyam on Meera, the color that you offered,
You made your own by redeeming the world, made the cup of poison your own,
Give us the same passion as the murli,
Let me paint my name in the color of Saawariya Teri Mehr Bani,
You have given such pride on color,
Shyam Doda, sitting away, walked away.
You aroused the karma of Karma, who ate khichdi with interest.
Karma khichad soon after hearing Karma, Karma was samble,
Let me paint my name in the color of Saawariya Teri Mehr Bani,
Paras also made you his own by putting his gun to you,
The empty bag did not bring anything, fill it with love like this, I have brought hope,
Shukal Das’s Ladle Kanha Vinay listens to us.
Let me paint my name in the color of Saawariya Teri Mehr Bani,