मुझे शिरडी को जाने का बहाना मिल गया होता,
मुझे मझधार में कोई किनारा मिल गया होता,
मुझे शिरडी को जाने का बहाना मिल गया होता
मेरी बेबस निगाहो में तेरी तस्वीर बस जाती जिधर देखु यहाँ देखु,
मुझे शिरडी नजर आती,
मेरी नजरो को कोई नजारा मिल गया होता,
मुझे मझधार में कोई किनारा मिल गया होता,
तेरी शिरडी में आ कर के मैं दुनिया को भुला देता,
तेरे चरणों की रज पा के बचा जीवन बिता देता,
तेरे अंचल की छाया में गुजारा मिल गया होता,
मुझे मझधार में कोई किनारा मिल गया होता,
तुहि माता पिता तू ही तू ही बंधू सखा तू ही,
तू ही दुनिया का रखवाला है शिरडी में डेरा डाला,
मुझे शिरडी में कोई ठिकाना मिल गया होता,
मुझे मझधार में कोई किनारा मिल गया होता,
I would have found an excuse to go to Shirdi.
I would have found some edge in the middle,
I would have found an excuse to go to Shirdi
In my helpless eyes, your picture settles, wherever I look, look here,
I see shirdi
My eyes would have found some sight,
I would have found some edge in the middle,
By coming to your Shirdi, I would have forgotten the world,
I would have spent the rest of my life with the blessings of your feet.
Living in the shadow of your zone would have been found,
I would have found some edge in the middle,
You are your parents, you are the only brothers, you are the only ones.
You are the keeper of the world, camped in Shirdi,
I would have found some place in Shirdi,
I would have found some edge in the middle,