जिनको भरोसा संवारिये पे रहता सदा ही अटल है,
हर मुश्किल से वो लड़ जाते होंसला इनका प्रबल है,
चाहे हो बाजी जिनती बड़ी भी उनकी कभी न हार हुई,
नाव मेरी मझधार में आई और लेहरो से हार गई,
जब मैं रोया श्याम के आगे पल में बवर से पार हुई,
नाव मेरी मझधार में आई और लेहरो से हार गई,
था वेसहारा किस्मत का मरा हर दम ठोकर खाई,
कदम कदम पर गिरता रहा मैं दिल में आस गवाई,
पकड़ा जो इस ने हाथ मेरा फिर जग की न दरकार हुई,
नाव मेरी मझधार में आई और लेहरो से हार गई,
भटके क्यों प्यारे राहो से अपनी श्याम की राह पकड़ ले,
जितनी भी बाते दिल में छुपी है आजा श्याम से करले,
सारे जहां में इनसे सा निर्मल दूजी कोई सर्कार हुई,
नाव मेरी मझधार में आई और लेहरो से हार गई,
Those who keep their trust in them are always unshakable,
They fight with every difficulty, their courage is strong,
No matter how big he was, he never lost.
The boat came in my lap and was defeated by Lehro,
When I cried in front of Shyam in a moment I crossed the storm,
The boat came in my lap and was defeated by Lehro,
Had he died of luck, stumbled at all times,
I kept falling step by step, I lost hope in my heart,
Whoever caught this hand did not need my world again,
The boat came in my lap and was defeated by Lehro,
Why do you stray from the dear paths and take the path of your shyam?
Whatever things are hidden in the heart, come to Shyam,
In all the places where there was some kind of serenity like her,
The boat came in my lap and was defeated by Lehro,