नन्द लाल कन्हैया कारे तैरे नैना है मतवारे
क्युं नैनों से तीर चलाये रे,
हम गोपी भोरी भारी हैं,
ना जाने प्रीत अनाडी हैं,
तुने प्रीत का पाठ पढा करके,
क्युं हमसे करे छिछोरी है,
क्यु निंदीया हमरी उडाये,
तोहे लाज शरम ना आये,
क्युं नैनो…….
मेरो बालम गुजर खोटो है,
जो देखे मार सोटो है,
सासु भी ताना मारे है,
ननदल भी जियो जलावे है,
क्युं रोके रस्तो मेरो,
तु मानले कहनो मेरो,
क्युं नैनों …….. .
तेरे नेनों में कैसो जादू है,
तु नटखट जादुगारो है,
तु मुरली मधुर बजाव क्युं,
उषा को जियो चुराव क्युं,
हे श्याम जरा बतलादे,
के पावे हमें रुलाके,
क्युं नैनों……………..
Nand Lal Kanhaiya Kare Taye Naina Hai Matware
Why shoot arrows with nano?
We gopis are heavy,
Don’t know love is clumsy,
By teaching you the lesson of love,
Why should we do it?
Why Nindia Hamari Ude,
So don’t be ashamed
Why Nano…….
My Balam is Gujar Khoto,
Whoever sees kills soto,
Mother-in-law has also taunted,
Nandal is also a live flame,
Why did you stop me?
you say say me,
Why nano……..
What magic is there in your eyes?
You are naughty magicians,
Why are you playing the murli melodiously,
Why should Usha live churav,
Hey Shyam, please tell me,
The feet made us cry,
Why nano………………