नाथ मैं थारो जी थारो।
चोखो, बुरो, कुटिल अरु कामी, जो कुछ हूँ सो थारो॥
बिगड्यो हूँ तो थाँरो बिगड्यो, थे ही मनै सुधारो।
सुधर्यो तो प्रभु सुधर्यो थाँरो, थाँ सूँ कदे न न्यारो॥
बुरो, बुरो, मैं भोत बुरो हूँ, आखर टाबर थाँरो।
बुरो कुहाकर मैं रह जास्यूँ, नाँव बिगड़सी थाँरो॥
थाँरो हूँ, थाँरो ही बाजूँ, रहस्यूँ थाँरो, थाँरो!!
आँगलियाँ नुँहँ परै न होवै, या तो आप बिचारो॥
मेरी बात जाय तो जाओ, सोच नहीं कछु हाँरो।
मेरे बड़ो सोच यों लाग्यो बिरद लाजसी थाँरो॥
जचे जिस तराँ करो नाथ! अब, मारो चाहै त्यारो।
जाँघ उघाड्याँ लाज मरोगा, ऊँडी बात बिचारो॥
Nath I Tharo Ji Tharo.
Chokho, burro, crooked aru kami, whatever I am, so tharo.
If I am a bad boy, then you are a bad boy, I was the only one to improve.
If you improve then Lord, you should be better, than not be nice.
Buro, burro, I am a very bad person, wait for the last one.
I could be left with a bad sigh, the name was spoiled.
I am Tharo, only my arms, mystical Tharo, Tharo!!
Angles are not parai, either you think.
If you go to my words, go, don’t think yes.
My elders think this way
Whatever you do, Nath! Now, kill me.
You will be ashamed to open your thighs, talk high.