नौबत बाज रहे द्वारे पे,
भवन पे नाच रहे नर नारी,
आइयो मेलो फागुन को भाई,
जिसकी शोभा है बड़ी न्यारी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे,
ये मेला श्याम धनी का प्यारा,
वो है सबका लखदातार,
सबके करता वारे न्यारे,
लीला इसकी है बड़ी न्यारी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे
श्याम कुंड में भगत नहाते,
मन चाहा बाबा से पाते,
छपन भोग लगा के मनाते,
ये ही तीन बाण के धारी ,
नौबत बाज रहे द्वारे पे
भक्तो ने है शीश निभाए,
मोरछड़ी से दुःख मिटवाए,
हारे का है येही सहारा,
इसकी महिमा है बड़ी बाहरी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे
Naubat stays on the door,
Male and female dancing on the building,
Come brother to melo phagun,
Whose beauty is very beautiful,
Naubat stays on the door,
This fair is Shyam Dhani’s beloved,
He is the lakhdatar of all,
Everyone does what is different,
Leela is very beautiful,
Naubat Baaz Rahe Dway Pe
Bhagat bathing in Shyam Kund
Wanted to get it from Baba,
Celebrating by enjoying Chhapan Bhog,
These are the three arrows,
Naubat Baaz Rahe Dway Pe
Devotees have played their heads,
May the morchadi remove such sorrow,
This is the support of the loser,
Its glory is the big exterior,
Naubat baaz rahe pe pe